हमें श्रीराम का दर्शन
कहो, किस विधि से हो जाये।
कहो, किस विधि से हो जाये।
भला कैंसे दयानिधि में,
प्रभो हम सब समों जाँए।।
हमें भगवान् का दर्शन, कहो किस विधि से हो जाये।।
दया मुझ पर करो हनुमन!
हे सीतराम के प्यारे,
कहो कैंसे मेरा जीवन भी,
प्रभु जपते हि कट जाये।
हमें श्रीराम का दर्शन, कहो किस विधि से हो जाये।।
प्रभु जी अब तुम्हारे बिन,
नहीं लगता ये मन मेरा।
श्री चरणों में शरण भगवन,
कहो किस विधि से मिल जाए।
भला कैसे दयानिधि में, प्रभो हम में समों जांये।।
माँ जानकी कृपा कर दो,
ह्रदय को प्रेम से भर दो।
मिलन प्रभु से हमारा हो,
तुम्हीं ऐंसा जतन कर दो।।
हमें भगवान् का दर्शन, कहो किस विधि से हो जाये।।
कई पतितों को हे प्रभु जी,
किया है आपने पावन।
हुआ हो पाप जो मुझसे,
उसे हरना हे मनभावन।
हमें श्रीराम का दर्शन, कहो किस विधि से हो जाये।।
रचना: विजय गौड़
प्रेरणा: श्री पारेख जी द्वारा दी गयी गुजराती समाज के भजन से
No comments:
Post a Comment