कनि प्वडी स्या रात,
न क्वि छ्वीं, न बात।
न क्वि छ्वीं, न बात।
यनु नु होणु मुल्कौ विकास,
मिलि क रावा साथ।
मिलि क रावा साथ।
तु छ्वटु मि बडू, तु सियुं मि खडू,
पुरणी व्है य बात,
पुरणी व्है य बात,
यखुलि-२, गिर्ज्वडोंन,
नि पकणु दाल-भात,
नि पकणु दाल-भात,
जनता तुमरा मुखुन्द दिखणी,
तुमुन करीं स्या रात,
तुमुन करीं स्या रात,
यनु नु होणु मुल्कौ विकास,
मिलि क रावा साथ।
मिलि क रावा साथ।
सोच-बिचारि, मेल-जोलन,
हिटा लाटाओ ताल-मात,
हिटा लाटाओ ताल-मात,
निथर बग्तन तुमरू ठटा लगौण,
कनु हुयुं बकिबात,
कनु हुयुं बकिबात,
अपड़ू - २ सुचण स्ये,
नि पैटणि स्या बरात,
नि पैटणि स्या बरात,
यनु नु होणु मुल्कौ विकास,
मिलि क रावा साथ।
मिलि क रावा साथ।
आस बंध्ये छै तुमुतैं दयेखी,
कि अग्नै औणी मनख्यात,
कि अग्नै औणी मनख्यात,
बाला अटगला, ज्वान हैन्सला,
बुडापू कनु छौ बात,
बुडापू कनु छौ बात,
हाल तुमरा यना हि राला
त फेर नि लगणि लंगात,
त फेर नि लगणि लंगात,
यनु नु होणु मुल्कौ विकास,
मिलि क रावा साथ।
मिलि क रावा साथ।
विजय गौड़
१६/०४/२०१३