Sunday 30 March 2014

मेरे देश तुझे बहुत आगे बढ़ना है !!

तू निसंदेह बड़े बदलाव के पड़ाव पे है,
अभी और बड़ी ऊंचाइयों पे चढ़ना है। 
कुछ हुआ है, काफी कुछ होना बाकी है,
मेरे देश, तुझे बहुत आगे बढ़ना है।।

तू वो सैलाब है,
जिसे थामने की हिम्मत न कर सका कोई,
तुझे थमना भी नहीं,निरंतर बहते रहना है। 
बहुत कोशिशें तेरा बहाव बदलने की होंगी,
तू अपना लक्ष्य देख,
बाकी सब में नहीं पड़ना है,
मेरे देश, तुझे बहुत आगे बढ़ना है।।

तू वो समंदर है,
जिसमें न जाने कितनी नदियां हैं समाहित,
तूने पानी में ना भेद किया, ना आगे करना है। 
आसान नहीं है अच्छाइयों में जिन्दा रहना,
तुझे इस 'पहचान' की ज़िन्दगी के लिये लड़ना है,
मेरे देश, तुझे बहुत आगे बढ़ना है।।

संसार टकटकी लगाये आज तुझे देखता है,
तुझे उन उम्मीदों पे खरा उतरना है। 
तुझमें सामर्थ्य है दुनिया के प्रतिनिधित्व की,
तुझे ये विश्वास हर मानस पे गढ़ना है। 
मेरे देश, तुझे बहुत आगे बढ़ना है।।

कॉपी राइट @ विजय गौड़  
३० मार्च २०१४