Friday, 23 August 2013

भोलै, भोल हि दिख्ये जालि!!!

भोलै सोचि मि डरु किलै,
भोलै, भोल हि दिख्ये जालि,
अबि ह्वै जौं अध्म्वरु किलै?

काम-धाणी आजै बचिं अबि,
जरा वे निमाडि ल्या त पैल,
सुबेरो घाम ऐ नि कखि,
तुम दिखण लग्याँ अछेल,
जै गौं मिन जाण हि नि,
वेकु बाटु मि हयरु किलै?

भोलै सोचि मि डरु किलै,
भोलै, भोल हि दिख्ये जालि,
अबि ह्वै जौं अध्म्वरु किलै?

आजम ज्योंण सीखि ल्या जरा,
भोल रै जाला बस टपकरा,
आज भुकि छाँ कि भोलकु बचौन्ला,
भोल कैन नि दयेखि रै ब्येलि छ्वड़दरा,
जु जलम ल्यालु, खै-कमै बि ल्यालु,
अफु मा कर्युं तिन, स्यु गरु किलै?

भोलै सोचि मि डरु किलै,
भोलै, भोल हि दिख्ये जालि,
अबि ह्वै जौं अध्म्वरु किलै?

विजय गौड़
Copyright @ Vijay Gaur 23.08.2013