Tuesday, 13 October 2015

अकलबरि !!


न त हिंदू-मुसलमान न,
अर न बामण जजमान न,
भयों मुल्कन उब उठण त बस,
भलि शिक्षा अर गैरु ज्ञान न।।

मेलजोलन रैलया त ढयों जन उच्चु दिखेल्या,
अपड़ों कि टॉग खैंच-खैंचि त 

खिचड़ि से बकि क्य खैलया।
ननौं कि भुकि पेकि, 

अर ठुलौं कु सम्मान न,
भयों मुल्कन उब उठण त बस,
भलि शिक्षा अर गैरू ज्ञान न।


अगनै बड़ण त बस अपड़ा हथ-खुटा हिलै कि,
न घना घूस देकि, 

न मन्ना दारु पिलैकि।
जरसि तेरा कंधा न, 

अर थुड़ासि मेरि ज़्याँन न।
भयों मुल्कन उब उठण त बस,
भलि शिक्षा अर गैरू ज्ञान न।।


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@ विजय गौड़
बवाणी, नैनीडांड
उत्तराखंड।
मेरु देश अर क्षेतर थैं समर्पित।


त्येरि प्रीतौ रंग मा यनु रंग्योँऊँ !! (for 8'th Marriage Anniversary)


त्येरि प्रीतौ रंग मा यनु रंग्योँऊँ ,
हल्दण्या , ललंगु अर झणि कै-२ रंग मा रंगे गेऊं।
मन अज्यूँ बि उनि ८ साल पैलि कु छोरा सि उतड़ेंदु त्वै  देखि कि,
या हैंकि बात च कि आज मि जरसि बुड्या हवै ग्येऊँ।।

आठ जिंदगि से भुरयां साल,
कबि उंदार, कबि उकाल।
हैंसि, रवैई, खैरि, विपदा कैकि बि कमि ना,
हरेक दिन मि त्वैमा जरसि हौरि डुबे गेऊं।
हल्दण्या , ललंगु ........


तु बि यनि हिटणि रै मैं जना,
मि त उनि अटगुणु रौंदु त्वै जना।
यनि साम-सबेर, रात-दिनौं, अता-पता इ नि चलु जु,
जरसि तु मेरि हूंदि रै, भंडि सि मि तेरु जौंऊं।
तेरि प्रीतौ.....
हल्दणयां, ललंगु.....
Eight year of togetherness! Shalini

Copy right@ Vijay Gaur
अपणा ब्यो कि आठवीं वर्षगाँठ क उपलक्ष मा अपणी प्रेयसी/धर्मपत्नी थैं समर्पित।
12 october 2015