Tuesday 11 August 2015

लगौ तू मर्दा जोर लगा !!!

लगौ तू मर्दा जोर लगा,
जरा लगि ग्ये, जरा हौर लगा। 
औ, अब यनि तू लगौ ताणी,
मिलि जौ जु, त्वै त्येरू सब्बि-धाणी।
अखरी दौं कुच यनु सोर लगा,
लगौ तु मर्दा  ...................  

राजि रौ तू, 
रौ राजी गौं-मुलुक त्येरु,
हिट, उज्यलका बाटों हिट, 
नि कनु सुद्दी, त्येरु-म्येरू। 
छोड़ अब ईं चुप-चाणि,
बगौ सुख्यां मन, सुखौ पाणि। 
अफु बि लग,
दगड़म बछरा-गोर लगा,
लगौ तु मर्दा  ...................  

कब तलक ऊँका पिछनै-पिछ्नै,
कब तलक बस उँखुणी तालि। 
भै, कब तलक रीता कीसों लेकि,
भ्वर्याँ पुटगों क़ि कनू रैलि गाणी।
बगत अब अफखुणी कना कु,
य जिकुड़ी मँगणी "मोर" लगा। 
लगौ तु मर्दा  ...................  

कॉपी राइट @ विजय गौड़ 
११ अगस्त,२०१५