Wednesday, 13 February 2013

TRIBUTE TO JAGJIT SINGH: NAYE PARINDON KO UDANE MEIN....


पैलि-पैलि प्रीत का द्वी आखर मै स्ये लिख्ये नि ग्ये,
नया चखुलों थैं उड़ण मा बगत त लगदु हि च भै।
गात कि बात नि छै, कैका मन्न तक पौन्चणु छौ,
इथगा दूर चलण मा बगत त लगदु हि च भै।
नया चखुलों थैं उड़ण मा.......
ग्येड़ ज्व प्वैड़ ज़ा कै मनखी क मन मा,
कथगा बि कारा जतन, खुलण मा बगत त लगदु हि च भै।
नया चखुलों थैं उड़ण मा........
जिकुड्यो नासूर खुणि दवै त ढूँढी यालि हमन पर,
बड़ा दुखदों थैं भ्वरैण मा बगत त लगदु हि च भै।
 नया चखुलों थैं उड़ण मा........
इथगा दिन दगड़ा-दगड़ी चल्नै आदत सि ह्वै ग्ये छै,
नयु बाटु खुज्यण मा बगत त लगदु हि च भै।
 नया चखुलों थैं उड़ण मा........

विजय गौड़ 
सर्वाधिकार सुरक्षित 
पूर्व प्रकाशित