Friday 18 November 2022

अज्यूँ बि कुच खास त छैं च न मैंमा!

त क्य ह्वै जु यखुलि ह्वै ग्यों मि 
त क्य ह्वै, जु अफि-अफि रै ग्यों मि। 
म्येरि य यकुलांस त छैं च न मैंमा,
अज्यूँ बि कुच खास त छैं च न मैंमा।।

१)
दूर ऐ ग्यों अपड़ा गौं, अपड़ा देस से मि 
उपिरि सि ह्वै ग्यों, अपड़ा इ भेस से मि। 
त क्य ह्वै, जु नकलि ह्वै ग्यों मि 
त क्य ह्वै, जु मौसम्या चखुलि ह्वै ग्यों मि 
म्येरि य चास-बास त छैं च न मैंमा 
अज्यूँ बि कुच खास त छैं च न मैंमा।।

२)
म्येरु मन कब छौ अपड़ि माटि छ्वड़णा कु
मिन सोचि इ कब छौं हे छुचों उन्द रड़णा कु 
त क्य ह्वै जु अफु से हि लड़ि ग्यों मि
त क्य ह्वै जु यनि खड़या-खड़ि छौं मि 
म्येरा जाड़ों से अपड़याँस त छैं च न मैंमा
अज्यूँ बि कुच खास त छैं च न मैंमा।।

३)
एक मन ब्वलद कि चल अब चलदा छौं 
त हैंकु ब्वाद अपड़ी-अपिड़ि स्वचणु छै 
त क्य ह्वै जु यनि असमंजस म रै ग्यों मि 
अर जु टुप्प द्वी घड़ि कु स्ये ग्यों मि 
सियाँ म बि ये मन, बग्वलि-इगास त छैं च न मैंमा 
अज्यूँ बि कुच खास त छैं च न मैंमा।। 

विजय गौड़ 
नवंवर १८, २०२२ 
सुबेर ९-१० बजि 
मॉडेस्टो, कैलीफॉरनिया, अमरीका