Friday 17 May 2013

गीत - संगीत

लिखणों बैठ्युं छौं,
आज, लिखणों बैठ्युं छौं ......
लिखणों बैठ्युं छौं,
क्वी गीत अपड़ू सी,
रंचणों बैठ्युं छौं,
संगीत मयलु सी।।
लिखणों बैठ्युं छौं ...................

ज्यू ब्वनु,
कुच यनु लिखु।
जैमा तुम दिख्याँ,
अर मि बि दिखु।
द्वी बात अपड़ों की,
पण छुटु नि बिरणु भी।।
क्वी गीत अपड़ू सी,
संगीत मयलु सी,
लिखणों बैठ्युं छौं ....................

ज्वान बुना,
नचणों कु लिखु।
दाना बुना,
सुचणो कु लिखु।
दीदी, भुलि, रखड़ी की,
धण्या, लूण, कखड़ी की।।
क्वी गीत अपड़ू सी,
संगीत मयलु सी,
लिखणों बैठ्युं छौं ....................

चैत कि,
बग्वाल लिखु।
कि सौंण कि,
बस्ग्याल लिखु।  
छ्वीं होलि कि, मेलों की,
बथ थड्या-झुमैलों की,
क्वी गीत अपड़ू सी,
संगीत मयलु सी,
लिखणों बैठ्युं छौं ....................

मुल्कौ कु,
रैबार लिखु।
स्यूं नेतों कु,
असगार लिखु।
बाटू हेरदा आंख्यों की,
जग्वाल साख्यों की।
क्वी गीत अपड़ू सी,
संगीत मयलु सी,
लिखणों बैठ्युं छौं ....................

विजय गौड़
१७/०५/२०१३
राति २.० बजि।