नेगी दा, गितेर रै,
उत्तराखंड त्येरा भितेर रै,
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
बालों खुणि दुलारै खाण,
ज्वानु कु तु यार छै,(कोरस : हम ज्वानु कु तु यार छै)
दाना-सयाणों बिस्वास दिदा,
नेतो कु बुखार छै,
हे नरु दिदा, गढ़ रतन रै,
कना भला-२ त्येरा बचन रै!
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
दीदी-भुल्यों रखडी त्योहार,
ब्वै-बाबों कि तु आस छै,(कोरस: दाना ब्वै-बाबो कि तु आस छै)
परदेस मा घौर कि चिठ्ठी,
खुद छै तु, अपन्यांस छै,
हे नेगि दा! पहाडै सान रै!
कनक्वै धरदी तु सब्यों कु ध्यान रै!
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
डालि-बूटी बच्येनी तिन,
डांडी-कांठी हैरि-भैरि बणे,(कोरस: डांडी-कांठी हैरि-भैरि बणे)
नौ छमि का नौ स्वाँग तिन,
मंख्यों का मन मा पौञ्चै,
हे नेगि दा! पदम् श्री रै!
त्येरा हि गीतों न,
नौछमी नि ऐ फिरि रै!
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
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उत्तराखंड त्येरा भितेर रै,
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
बालों खुणि दुलारै खाण,
ज्वानु कु तु यार छै,(कोरस : हम ज्वानु कु तु यार छै)
दाना-सयाणों बिस्वास दिदा,
नेतो कु बुखार छै,
हे नरु दिदा, गढ़ रतन रै,
कना भला-२ त्येरा बचन रै!
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
दीदी-भुल्यों रखडी त्योहार,
ब्वै-बाबों कि तु आस छै,(कोरस: दाना ब्वै-बाबो कि तु आस छै)
परदेस मा घौर कि चिठ्ठी,
खुद छै तु, अपन्यांस छै,
हे नेगि दा! पहाडै सान रै!
कनक्वै धरदी तु सब्यों कु ध्यान रै!
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
डालि-बूटी बच्येनी तिन,
डांडी-कांठी हैरि-भैरि बणे,(कोरस: डांडी-कांठी हैरि-भैरि बणे)
नौ छमि का नौ स्वाँग तिन,
मंख्यों का मन मा पौञ्चै,
हे नेगि दा! पदम् श्री रै!
त्येरा हि गीतों न,
नौछमी नि ऐ फिरि रै!
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
छ्वटु सि परयास म्येरु,
त्वी पर कुच पट मिसौं, (कोरस: त्येरा बारा कुच मि बि बतों)
जनि मिठी त्येरि गिचि बच्यांदी,
मिठी-मिठी मि बि छ्वीं लगौ,
हे नरु दिदा, तु जुगराज रै!
त्येरा हि गीतों न मै गितेर बनै,
तु ज्युंदु रै, गांदु रै,
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
विजय गौड़
जून 2007
ग्वाटेमाला, सेंट्रल अमेरिका
रुवांदु, हैसांदु रै,
यिख मनख्यूं कि अवाज छै तु,
देवभूमि कु ताज छै,
नेगी दा ......
विजय गौड़
जून 2007
ग्वाटेमाला, सेंट्रल अमेरिका
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