Friday, 9 November 2012

सौंजण्या!!!


दगीड्यों!! येबगत अर्जेंटीना का ब्वेनोस आइरिस मा एक होटल मा बैठ्यु छौं!! अबि-2 बरखा बंद व्है और बड़ी स्वाणी हवा चनी च!!यनु मौसम मा अपणी सौंजण्या कैथे नि याद आलि!! मिन सोचि यनि बात सब्यों दगड़ी कबि न कबि त होंदी होलि, त सब्यों थें सुणाणु छौं अपणा मन का स्यी उदगार!!!!      

सौंजण्या!!!  

त्येरी-म्येरि उठड्यों मा, मिठा-मिठा गीत सौंजण्या!!! 
अग्ने-अग्ने हिटणा हम, पिछ्नै औंदि प्रीत सौंजण्या!!!  

पैलि-पैलि यीं माया की या पैलि रात खुदयांदी रैलि!
माया की यीं मौल्यार माँ, हुयीं छ्वीं-बात खुदयांदी रैलि!
ज्यु ब्वनु या सरया ज़िन्दगी, यनि कटये, यनि बीत सौंजण्या!!!  
अग्ने-अग्ने हिटणा हम, पिछ्नै औंदि प्रीत सौंजण्या!!!  

आंख्यों मा त्वी रैंदी सदानी, आंखि मि जमा बि बुजदू!
जरा मि स्युं आंख्यों से, अपणा मनै बात पूछि ल्यूं!
त्येरी यनि छ्वीं बतों न, म्यरु मन ल्ये जीत सौंजण्या!!!         
अग्ने-अग्ने हिटणा हम, पिछ्नै औंदि प्रीत सौंजण्या!!!  

छ्वटा-छवटा यि दिन-रात, झणी कथगा छ्वीं छन बचीं!
जल्दि च क्ये बात कि, स्वाणी सरया ज़िन्दगी बचीं!
मन बुन्नु यन्नी छुयों-छुयों मा, बगत जा यु बीत सौंजण्या!!!     
अग्ने-अग्ने हिटणा हम, पिछ्नै औंदि प्रीत सौंजण्या!!!  

त्येरी-म्येरि उठड्यों मा, मिठा-मिठा गीत सौंजण्या!!! 
अग्ने-अग्ने हिटणा हम, पिछ्नै औंदि प्रीत सौंजण्या!!! 

विजय गौड़ 
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