"युवाओं को क्षेत्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका के लिये तैयार होना होगा, सकारात्मक एवम रचनात्मक राजनीति का हिस्सा बनकर इसकी शुरुवात की जा सकती है"
भै-भैणों /दाना सयणों,
आज ही हमारे ब्लॉक में नई कार्यकारिणी का गठन हुआ है और मैं निर्वाचित प्रतिनिधियों को सोशल मीडिया के माध्यम से भी बधाई देना चाहूँगा। साथ ही उम्मीद करता हूँ कि एक-२ निर्वाचित प्रतिनिधि क्षेत्र निर्माण में अपना पूरा योगदान देगा।
पलायन शुरू से ही हमारी एक बड़ी समस्या रही है और लगभग हर परिवार से किसी न किसी रूप में पलायन हुआ है। मैं अपील करना चाहूँगा अपने अपने छोटे भाइयों-बहनों से कि वे इस समस्या के हल के लिये आगे आयें और रचनात्मक पहल करें। खासकर प्रवासी भाई-बहन जो आज इस स्तिथि में पहुँच चुके हैं कि अपना योगदान दे सकें, जरूर आगे आयें। हमें एक नईं नींव की आवश्यकता है जो हमें प्राथमिक शिक्षा से ही शुरू करनी होगी। ऐंसे बीज बोने होंगे नौनिहालों के मन में कि वे अपना भविष्य यही तलाश सकें। मैंने स्वयंउच्च शिक्षा के फलस्वरूप गाँव में रहकर एक उदाहरण पेश करने की कोशिश भी की है ताकि आप सबको मेरा कहा उपदेश मात्र न लगे।
हमें कुछ बिज़नेस मॉडल्स तलाशने होंगे जिस से हमारा युवा अपनी ज़मीन की तरफ आकर्षित हो। जवान, किसान और शिक्षक सभी को एक साथ आना होगा क्यूंकि यही क्षेत्र के मुख्य रोजगार रहे हैं तथा सँख्या में भी कमोवेश यही अधिक होंगे। पंचायत स्तर से ही शुरुवात करनी होगी सबको साथ आकर। चुनावी माहौल अब समाप्त हो चुका है अब आने वाले पाँच सालों की योजना बनानी होगी सभी को साथ मिलकर। कैश क्रॉप (नकदी फसल), डेयरी, पोल्ट्री आदि कुछ विकल्प किसान और जवान (सेवा निवृत) के लिए हो सकते हैं। जवान इसलिए कह रहा हूँ क्यूँकि सेवा निवृत होने के बाद जो पैंसा उन्हें मिलता है उसका इस्तेमाल भाबर के साथ साथ अपने क्षेत्र में भी होगा, तभी कुछ कर पायेंगे। जन प्रतिनिधि इस तरह के कामों में कैंसे मददगार होंगे, ये भी देखना होगा। सरकार की क्या क्या स्कीमें हैं, ये उन्हें आम आदमी तक पहुँचानी होंगी। खेती और जानवर हमारा इतिहास रहे हैं, इसकी हमें समझ भी है, जरुरत है तो योजित तरीकों की और आपसी तालमेल की। ग्राम सभा मिलकर अपना बिज़नेस मॉडल तैयार करे, चाहे डेयरी हो, कैश क्रॉप या और भी कुछ लेकिन काम सब एक ही करें (कम से कम एक गाँव) तभी बिज़नेस के लिये प्रोडक्शन हो सकता है। मिर्च, अदरक, हल्दी, प्याज आदि हम करते आये हैं अब इन्हे वैज्ञानिक विधियों से करने की जरुरत है। प्रोडक्शन होगा तो मार्केट खुद ही बनेगा, रोजगार आएगा, पलायन रुकेगा।
साथ ही साथ सकारात्मक एवं रचनात्मक राजनीति में भी युवाओं को आगे आना होगा। ये सारे काम एक साथ करने होंगे क्यूंकि ये सब पूरक होंगे एक नया समाज निर्माण में। कुछ अनुज एवं अग्रज मिलकर दूसरी पहल भी कर रहे हैं उदाहरण के तौर पर "न्यूज़" दिल्ली द्वारा यंग उत्तराखंड के साथ मिलकर करियर गाइडेंस कैंप लगाना। ऐंसी किसी पहल का स्वागत होना चाहिए और जिस भी सहयोग की जरुरत लोकल स्तर पर हो, उसे मुहैया करवाने में मैं व्यक्तिगत स्तर पर भी उपलब्ध हूँ। बस ऐंसे शिविरों का दायरा बड़ा हो ताकि सभी बच्चे लाभान्वित हो सकें।
बातें और भी बहुत हैं, आप लोग आगे आयें, चर्चायें करें सोशल मीडिया, दिल्ली या अन्य शहरों में होने वाली कमिटी मीटिंग्स एवं अन्य उपलब्ध प्लेटफॉर्म्स पर भी। ब्लॉक कमिटी में हम लोग आगे की चर्चाएं करवायेंगे, तभी बात आगे बढ़ेगी। ज़मीन पर कुछ हो पायेगा। आप सबका आभार। अपने विचार जरूर भेजें। चाहे फिर यहाँ कमेंट्स में या व्यक्तिगत सन्देश में या फिर इ-मेल या पत्र द्वारा भी। जो भी उपलब्ध माध्यम हो। रैबार या व्यक्तिगत रूप से भी मिल सकते हैं।
शुभ!
संजय गौड़
क्षेत्र पँचायत सदस्य, बिलकोट
बवाणी। लूठिया। बिलकोट। झुड़ुंगु
sanjay.gaur@hotmail.com
कार्यालय: हल्दूखाल
पौड़ी गढ़वाल
२४६१६१
भै-भैणों /दाना सयणों,
आज ही हमारे ब्लॉक में नई कार्यकारिणी का गठन हुआ है और मैं निर्वाचित प्रतिनिधियों को सोशल मीडिया के माध्यम से भी बधाई देना चाहूँगा। साथ ही उम्मीद करता हूँ कि एक-२ निर्वाचित प्रतिनिधि क्षेत्र निर्माण में अपना पूरा योगदान देगा।
पलायन शुरू से ही हमारी एक बड़ी समस्या रही है और लगभग हर परिवार से किसी न किसी रूप में पलायन हुआ है। मैं अपील करना चाहूँगा अपने अपने छोटे भाइयों-बहनों से कि वे इस समस्या के हल के लिये आगे आयें और रचनात्मक पहल करें। खासकर प्रवासी भाई-बहन जो आज इस स्तिथि में पहुँच चुके हैं कि अपना योगदान दे सकें, जरूर आगे आयें। हमें एक नईं नींव की आवश्यकता है जो हमें प्राथमिक शिक्षा से ही शुरू करनी होगी। ऐंसे बीज बोने होंगे नौनिहालों के मन में कि वे अपना भविष्य यही तलाश सकें। मैंने स्वयंउच्च शिक्षा के फलस्वरूप गाँव में रहकर एक उदाहरण पेश करने की कोशिश भी की है ताकि आप सबको मेरा कहा उपदेश मात्र न लगे।
हमें कुछ बिज़नेस मॉडल्स तलाशने होंगे जिस से हमारा युवा अपनी ज़मीन की तरफ आकर्षित हो। जवान, किसान और शिक्षक सभी को एक साथ आना होगा क्यूंकि यही क्षेत्र के मुख्य रोजगार रहे हैं तथा सँख्या में भी कमोवेश यही अधिक होंगे। पंचायत स्तर से ही शुरुवात करनी होगी सबको साथ आकर। चुनावी माहौल अब समाप्त हो चुका है अब आने वाले पाँच सालों की योजना बनानी होगी सभी को साथ मिलकर। कैश क्रॉप (नकदी फसल), डेयरी, पोल्ट्री आदि कुछ विकल्प किसान और जवान (सेवा निवृत) के लिए हो सकते हैं। जवान इसलिए कह रहा हूँ क्यूँकि सेवा निवृत होने के बाद जो पैंसा उन्हें मिलता है उसका इस्तेमाल भाबर के साथ साथ अपने क्षेत्र में भी होगा, तभी कुछ कर पायेंगे। जन प्रतिनिधि इस तरह के कामों में कैंसे मददगार होंगे, ये भी देखना होगा। सरकार की क्या क्या स्कीमें हैं, ये उन्हें आम आदमी तक पहुँचानी होंगी। खेती और जानवर हमारा इतिहास रहे हैं, इसकी हमें समझ भी है, जरुरत है तो योजित तरीकों की और आपसी तालमेल की। ग्राम सभा मिलकर अपना बिज़नेस मॉडल तैयार करे, चाहे डेयरी हो, कैश क्रॉप या और भी कुछ लेकिन काम सब एक ही करें (कम से कम एक गाँव) तभी बिज़नेस के लिये प्रोडक्शन हो सकता है। मिर्च, अदरक, हल्दी, प्याज आदि हम करते आये हैं अब इन्हे वैज्ञानिक विधियों से करने की जरुरत है। प्रोडक्शन होगा तो मार्केट खुद ही बनेगा, रोजगार आएगा, पलायन रुकेगा।
साथ ही साथ सकारात्मक एवं रचनात्मक राजनीति में भी युवाओं को आगे आना होगा। ये सारे काम एक साथ करने होंगे क्यूंकि ये सब पूरक होंगे एक नया समाज निर्माण में। कुछ अनुज एवं अग्रज मिलकर दूसरी पहल भी कर रहे हैं उदाहरण के तौर पर "न्यूज़" दिल्ली द्वारा यंग उत्तराखंड के साथ मिलकर करियर गाइडेंस कैंप लगाना। ऐंसी किसी पहल का स्वागत होना चाहिए और जिस भी सहयोग की जरुरत लोकल स्तर पर हो, उसे मुहैया करवाने में मैं व्यक्तिगत स्तर पर भी उपलब्ध हूँ। बस ऐंसे शिविरों का दायरा बड़ा हो ताकि सभी बच्चे लाभान्वित हो सकें।
बातें और भी बहुत हैं, आप लोग आगे आयें, चर्चायें करें सोशल मीडिया, दिल्ली या अन्य शहरों में होने वाली कमिटी मीटिंग्स एवं अन्य उपलब्ध प्लेटफॉर्म्स पर भी। ब्लॉक कमिटी में हम लोग आगे की चर्चाएं करवायेंगे, तभी बात आगे बढ़ेगी। ज़मीन पर कुछ हो पायेगा। आप सबका आभार। अपने विचार जरूर भेजें। चाहे फिर यहाँ कमेंट्स में या व्यक्तिगत सन्देश में या फिर इ-मेल या पत्र द्वारा भी। जो भी उपलब्ध माध्यम हो। रैबार या व्यक्तिगत रूप से भी मिल सकते हैं।
शुभ!
संजय गौड़
क्षेत्र पँचायत सदस्य, बिलकोट
बवाणी। लूठिया। बिलकोट। झुड़ुंगु
sanjay.gaur@hotmail.com
कार्यालय: हल्दूखाल
पौड़ी गढ़वाल
२४६१६१