Friday, 22 November 2013

' जग्वाल '

तू आज ऐलि या भोल ऐलि,
मै थैं त्येरि जग्वाल रैलि,
तू आस म्येरि, सूण बात म्येरि,
त्येरा औण से हि बग्वाल ऐलि। 
तू आज ऐलि या भोल … …

बालापन बिटि ज्वा मन मा छैई,
वा स्वाणि, अजाणि मुखुड़ि छै तू,
सुचदि रयों यु, मुख मा नि ऐई,
म्येरु ज्यू, पराण, जिकुड़ि छै तू,
जो बोलि नि मिन, वे बींगि जरुर,
त्वि रूढ़ि, ह्यूंद, बस्ग्याल लोलि,
तू आज ऐलि या भोल … …


ज्वनि का छौंदा तू ऐ जैई,
अर ऐकि बतैजा कि सच छै तू,
बैरयों का गौंवा कि न कै जैई,
म्येरु ठटा लगाला कि कख गै तू,
मि बाटू हेरुणु ये विस्वासन छौँउ,
म्येरि प्रीत त्येरा मन बि उमाल लैलि,
तू आस म्येरि ………… 

@विजय गौड़
२२ नवम्बर २०१३ 
१० बजि सबेर,
मॉडेस्टो, कैलिफोर्निया।