Wednesday, 30 January 2013

मै पसंद ऐ ग्ये!!!

त्वै स्ये मिलणु, छ्वीं लगाणु, मैं पसंद ऐ ग्ये,
क्या च यु, क्योकु च यु,मै नि पता,
सच त यु हि च कि तु मै पसंद ऐ ग्ये!!!

तेरु मुल-मुल हैसणु
छित्ती -छित्ती खंसणु,
त्येरि खुद, तेरु हि ख्याल,
म्येरा मन्न बसणु,
क्या च यु, क्योकु च यु,मै नि पता,
सच त यु हि च कि तु मै पसंद ऐ ग्ये!!!

अफ़ी -अफ़ी बच्याणु, 
त्येरी छ्वीं लगाणु,
लोला मन्न मा अब,
हौरि कुछ भि त नि आणू,
क्या च यु, क्योकु च यु,मै नि पता,
सच त यु हि च कि तु मै पसंद ऐ ग्ये!!!

त्येरी सूरत आंख्यु मा रिंगणी,
ज़िन्दगी हौरि कुच बि नि बिंगणी,
खुट्टी बिन बुल्याँ, त्वै जना हिटणी,
स्वीणों-वीणों मा बस तू हि तु रिटणी,
क्या च यु, क्योकु च यु,मै नि पता,
सच त यु हि च कि तु मै पसंद ऐ ग्ये!!!    

त्वै स्ये मिलणु, छ्वीं लगाणु, मैं पसंद ऐ ग्ये,
क्या च यु, क्योकु च यु,मै नि पता,
सच त यु हि च कि तु, म्येरि ह्वै ग्ये!!!

विजय गौड़ 
सर्वाधिकार सुरक्षित...

भयात

कभि जु दगड़ी खेल्दु छौ,
कभि जु अपणु सि मिल्दु छौ।
कभि जु म्येरी हैंसी बानो,
अपणु सुख-दुःख भुल्दु छौ। 
आज यु कन बगत ऐ ग्ये, 
एक हि कोख से जन्म्यु भै,
म्येरू सोरु ह्वै ग्ये !!

कभि जु घुग्गा बिठांदु छौ,
कभि मि लम्डू, उठांदु छौ,
कभि गट्टा -कुंजा खिलांदु छौ,
कभि फुटयाँ घुन्डों सिलांदु छौ,
आज यु कन बगत ऐ ग्ये,
एक हि कोख से जन्म्यु भै,
म्येरू सोरु ह्वै ग्ये !!

कभि जु स्कूल लि जान्दु छौ,
कभि जु कंचौ खिलांदु छौ,
कभि दगड़ मा कुकर छुल्यांदु छौ,
कभि सारयों मा बांदर हकांदु छौ।
आज यु कन बगत ऐ ग्ये,
एक हि कोख से जन्म्यु भै,
म्येरू सोरु ह्वै ग्ये !!

हे विधाता! मि त्वै स्ये बुन्नु छौं,
अपणी हि न, सभि मन्ख्यों कि बात कनु छौं,
अगर तिन भयात कु अंत यन हि लिख्युं,
त मि त्येरि बात नि मनणु छौं,
तु यु कनु इंसाफ कै ग्ये,
जु बालापन कु अटूट ज़ोड़,
या लोलि ज्वनि, आन्द-आन्द हि खै ग्ये. 

विजय गौड़ 
सर्वाधिकार सुरक्षित