धिरज धैर,
त्येरि अर्जी मंजूर होलि,
त्येरि अर्जी मंजूर होलि,
आज न त भोल,
तु बि मसहूर होलि।।
तु बि मसहूर होलि।।
कोसिस त्येरा हथ मा च,
वेमा कसर नि छोड़,
वेमा कसर नि छोड़,
दिन हो या रात,
तु कनु रै उठा-पोड़।
तु कनु रै उठा-पोड़।
मेहनत सब्यों कन पुडद लाटा,
हिटल्यां बल्द हों,
या अणहिटल्यां बोड़,
या अणहिटल्यां बोड़,
तू बीज बुतदु रै,
एक दिन फसल भरपूर होलि,
एक दिन फसल भरपूर होलि,
आज न त भोल तु बि मसहूर होलि!!!
बगतै मार से,
घबरै आस न छोड़,
घबरै आस न छोड़,
लग्युं रै बाटू,
सीं सांस नि तोड़,
सीं सांस नि तोड़,
भला दिन जरुर बौडदन लोला,
मनै बैमन तू बाटू नि मोड़,
तू जोर लगाणु रै,
सुणे उख जरुर होलि,
सुणे उख जरुर होलि,
आज न त भोल तु बि मसहूर होलि!!!
अंधेरु नि रैणों सदनि ये जहाँन मा,
त्येरु बि झंडा उडलु असमान मा,
आस-सांस तु बिसरि नि जै,
तेरु बि नौ होलु कबि महानो मा,
अधीर नि होण,
मनसा जल्द हि पूरि होलि,
आज न त भोल तु बि मसहूर होलि!!!
त्येरु बि झंडा उडलु असमान मा,
आस-सांस तु बिसरि नि जै,
तेरु बि नौ होलु कबि महानो मा,
अधीर नि होण,
मनसा जल्द हि पूरि होलि,
आज न त भोल तु बि मसहूर होलि!!!
विजय गौड़
6/03/2013
सर्वाधिकार सुरक्षित
पूर्व प्रकाशित
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