Monday, 21 January 2013

"नैनीडांड विकास संघ"

दयेखा नैनी डांड मा एक नयि सुबेर हूणी च,
नना -तिना, दाना-सयाणों कि एक नई पौध औणी च।

सब्यों का मन्न मा कुछ कर-गुजरणा कि बात च,
जग-जगों छेत्र विकास खुणी लगणी लंगात च। 
अहा! नैणी, बुंगी, दीवा, भौना, धुमा सब्बि दैणि हुयान,
अर अपणा नौन्यालु थैं औंगाल बोट्टी बुनान, 
कि म्येरा नौन्यालु कु यु कदम, म्येरा छेत्र का विकास खुणी च।   
दयेखा नैनीडांड मा एक नयि सुबेर हूणी च,

आज क्वी न रौत, न नेगी न बलूणी च,
हरेक कि बस एक हि मनसा एकि मनौणि च,
लगावा रै मर्दों जोर, और पौंचा दयेल्यूं-दयेल्यूं,
तुम थैं आज जलमभूमि भटयोणि च,  
दयेखा नैनीडांड मा एक नयि सुबेर हूणी च,

बालापन, ज्वनि अर बुडापू कु यु मिलाप क्वी राजनीति नि च,
यान्कू आदि अर अंत केवल अर केवल, विकासनीति च।
छेत्र जागरूक कना खुणी, हमन रांका उठयाँन,
अपणा व्यक्तिगत फैदा, पैलि कूणों चुटयाँन,
मुल्कै कि प्रगति हि सब्यो कु घ्यू, दूध अर नौणी च,
दयेखा नैनीडांड मा एक नयि सुबेर हूणी च....

जग-जगों मन्ख्यों का मेला लगणांन,
दीदी-भुली, काकी-बोड़ी सब छेत्र विकास मंगणान। 
अर बुलंदी कु नौ धर्युं नैनीडांड विकास संघ,
या त्यरि हि ना, म्यरि हि न, हम सब्यों कि जंग।
आवा अर जुड़ा यीं विकास यात्रा से,
जु बस हमुसणी हि ना, हमरी नई पुश्तों खुणी च।
दयेखा नैनीडांड मा एक नयि सुबेर हूणी च...

विजय गौड़ 

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