Wednesday, 2 September 2020

संकल्प ४

पुरुष: मुखड़ा 

मि त्वैमा छौंऊँ, तु मैमु छैई, (२)
मि त्वैमा रौंऊँ, तु मैमा रैई। 
हाँ! बैंठि रै तु, हाँ सजीं रै तु, मेरा मन मा,
मेरि ह्वै जै तु ये जीवन मा।। (२)

महिला: मुखड़ा
 
मि तेरि छौंऊँ, तु मेरो छैई, (२)
मि तेरि लगौंऊँ, तु मेरि लगैई। 
हाँ! रलि जै तु, ओ ढलि जै तु, मेरा ढँग मा,
मेरु जीवन तेरा संग मा ।। (२)

  (१) पुरुष: अंतरा 

जनि सोचि, छै तनि छै तू, (२)
कबि बालि सि कबि ज्वनि छै तू। 
ओ ! कबि बालि सि कबि ज्वनि छै तू। 
हाँ! भिगीं रै तू, ये रँगी रै तू, मेरा रँग माँ 
मेरि ह्वै जै तु ये जीवन मा।। (२)

    (२)  पुरुष: अंतरा 

हाँ! चुप रैकि, क्य कनि छै तू? (२)
मुखि-मुख मा क्य ब्वनि छै तू , 
ओ गिची-गिचि क्य ब्वनि छै तू? 
हाँ बोलि दे तू, ये खोलि दे जु, तेरा मन मा ,
मेरि ह्वै जै तु ये जीवन मा।। 
(२)

    (३) महिला: अंतरा 

मेरु बि सुपन्यु, सुपन्यु तू ई, (२)
एकि अपड़ु, अपड़ु तू ई,
ईं जिकुड़ि मा तुई, तू ई
हाँ! तेरी आस, तेरि हि सॉंस अंगि-अंग मा,
मेरु जीवन तेरा संग मा ।। (२)


विजय गौड़ 
सितम्बर ०२, २०२० 

 

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