Monday, 18 June 2012

"पहाड़ों मा बणाग"

"पहाड़ों मा बणाग"


चैत निमडी ग्ये बैसाख ऐ ग्ये,
कैकु दस दून नाज ता कैकु बीस दून हवे ग्ये ,   
   
चला हल्दूखाल जौंला और "सेलेब्रेट" कैरियुंला
ठेका वलों की कन्न बार ऐ ग्ये.
'मदिन' लमिड ग्ये पदानो कुलीन,
और 'पूरण' धैयी लगान्दु रै ग्ये,
धैयी लगे की जब कुछ नि व्है ता,
झांजी थैं बीडी की याद ऐ ग्ये.
सुल्गी बीडी निम्ड़द निम्ड़द 
तैल्या पुनग्दी मा स्याँ चुट्ये दे.
झांजी ता अपणी झांझ मा ही छौ 
और गौन्वलों की सर्या करीं कमयीं फुके ग्ये.
एक चालीस रूप्या की थैली मा,
देखा कनु सर्या पहाड़ फुक्ये ग्ये .
हर मन्खी दिख्येनु लाचार,
'मदिनी-पूरण' तुमारु कनु म्वरी ग्ये,
नि  कन्न पैला तुम 'सेलेब्रेट',
लोलावो तुमुन मनख्यात फूकी दये.
ना देखि सकनो छौं ना छोपी सक्नौ छौं,
सर्या पहाड़ मा कनि बणाग लगी ग्ये...
क्वी ता आवा अग्ने और रोका स्यूं झाज्युं थैं,
जौंकी दारु मा म्येरू पहाड़ फुक्ये ग्ये,
हैरी भैरी डांडी कांठी,
देखा कनि उज्याड़ बणी गयें.
देखा कनि उज्याड़ बणी गयें.....

विजय गौड़ 
१८ जून २०१२ 
सर्वाधिकार सुरक्षित..

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