"युवा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव से जुड़ना चाहता है, संजय गौड़ के फेसबुक पेज से सिर्फ ०४ दिन में जुड़े क्षेत्र के १०० से अधिक युवा, पोस्ट को अलग अलग प्लेटफॉर्म्स पर मिली सराहना"
नैनीडांडा क्षेत्र का युवा निःसंदेह अपने क्षेत्र के लिए कुछ करना चाहता है अब चाहे वह गाँव में रहता हो या मजबूरियों के कारण प्रवासी हो गया हो। अपनी जड़ों से दूर होने का दर्द हर युवा के मन में दिखता है लेकिन साथ ही साथ वो कोशिश भी करना चाहता है। इस बात का अंदाजा लगता है क्षेत्र के लिये ईमानदारी से काम करने वाले एक युवा को मिले समर्थन से। आज युवाओं को संजय में उम्मीद दिखती है। कुछ उदाहरण देखिये कि किस तरह युवा एवं जागरूक नागरिक अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है : -
Narendra Rawat (ग्राम :केलधार, वर्तमान में दिल्ली): प्रणाम भाई जी। बहुत ही अच्छा प्रयास सबका साथ सबका विकास, पलायन का कारण युवा पीढ़ी को क्षेत्र मैं रोजगार न मिलना। समय आ चूका है कि हर प्रवासी को अपने गावं से पलायन कम करने,रोकने के लिए, कुछ न कुछ अपने गावों में या आसपास कोई स्वरोजगार के उपाय तलासने होंगे,
सतेन्द्र रावत (ग्राम बिलोटा, चामसैण, वर्तमान में दिल्ली): बड़े भाई को नमस्कार, बहुत अच्छा लगा आपने अपने विचार रखे, काम मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं, जरूरत है जमीनी स्तर पर लोगों को जागरूक करने की, बिना लोगों को जागरूक किये कोई भी प्रयास सफल नहीं हो सकता है, और इस मुहीम में अधिक से अधिक लोगों को साथ आना होगा तभी हम लोग अपनी मंजिल के लिए एक रास्ते का निर्माण कर सकते है.
ख़्वाहिशों से नहीं गिरते महज़ फूल झोली में, कर्म की शाख को हिलाना होगा;
न होगा कुछ कोसने से अंधेरें को, अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा।
Chandra Mohan Negi (दिल्ली) bahut acha gaur ji...asha karte hain aap apne iss karyakaal main kuch thosh kadam apne block ke vikas ke uthayenge ...
Diggi Rawat ( ग्राम कौला, वर्तमान में दिल्ली) Aapne nischit hi Nainidanda Block ki rajniti me ek bench mark set kar diya h...
Nandan Singh Rawat ( कौला मल्ला) Palayan se sabse jyada mai dukhi hoon... Mai vill- kaula malla .post- nainidanda ka niwasi hoon.. Aap mujhe ye batayrn ki mai gawn me rahkar kya karoon. Kuoon na palayan ka hissa banu. sare gawn ki jamin banjar ho gayi hai kyoon.... ye janenge aap ..bandaroon or suwaroon ki wajah se..hum inhe kanunan mar nahi sakte ..besak gawn chhod chuke hain.aap inka bandaroon or swaroon ka ilaz karwa dijiye .mai apko bachan deta hoon ki gawn jakar kuchh na kuchh apne khetu se hi gujara kar lunga..sare gawoon ke palayan ki yahi kahani hai...aap jatur likhna......
सतेन्द्र रावत संजय गौड़ भाई जी मैं दाद देता हूँ आपके हिम्मत की कि आप लगातार प्रयास कर रहे है, और आपके कदम कभी भी डगमगाए नहीं. अन्यथा जो गावों में राजनीती का स्तर हो चुका है उससे तो अच्छे खासे लोगों के कदम डगमगा जायें. गाँव में अगर आज सबसे पहले कुछ करना है तो वो है शिक्षा का स्तर ऊपर उठाना, सिर्फ स्कूली शिक्षा ही नहीं अपितु सामाजिक शिक्षा का भी प्रचार प्रसार करना होगा, तभी हम एक जागरूक समाज की कल्पना कर सकते है.
Hoshiyar Rawat ( जड़ाऊखांद, वर्तमान में दिल्ली) Bahut sundar aur doorgami soch hai goud g aur vastav mein is tarah ke vichar aur rachnatmak kam ki aj pure uttarakhand ko bahut jada avasyakta hai jiski suruat gawn star par honi chahiye apki bat isliye bhi prasangik hai kyoki aap khud mein high qualified hain aur navyuvak apse prerna le sakte hain .
Khas bat ye hai ki ab is soch ko jald se jald moort roop dekar udahan pesh kiya jay taki palayan karte yuvaon ko apne hi gawn ksetr mein kuchh kam karne ki lalak paida ho sake ye sabse jada jaruri hai aur mera khayal hai agar unhe unki mehnat ka 50% bhi return mil jata hai bhagambhag kuchh had tak lagam lag jayegi.
N G O s ke bhi apne prayas jari hain magar utne effective abhi tak nahi huye hain effective ap jaise log hi ho sakte hain jo khud wahan par hain doosron ko bhi motivate kar sakte hain
paramparik kheti se itar hum log unnat kism ke veejon ka istemal kar vaigyanik tareeke se kheti aur pashupalan karen to nischit safalta milegi.
mai ab tak wahi gawn me tha aur fir wapas ane ke lie aatur hoon yakeen janiye mujhe lagta hai jo jindgi gawn ki hai waisi shahar ki ho hi nahi sakti
yahan thoda paisa hai magar sukh chain bilkul nahin kahin bhi nahi kya raja aur kya rank is mamle mein sab ek hain .
Rakesh Rawat (केलधार, वर्तमान में सेना में अधिकारी) Bade khed k saath likhna pad raha h k aaj jo bhi not all hamaare pratinidhi chune jaate hain they all thinks about themselves that's why we r unknown about the valuable schemes offered by the government so the generation looks their future abroad.
ऐंसे ही न जाने कितनी प्रतिक्रियाएं आई हैं।
इस प्रक्रिया को निरंतरता की जरुरत पड़ेगी, मुझे उम्मीद है की ये सामूहिक प्रयास जरूर अच्छे परिणाम क्षेत्र के लिए आने वाले समय में लायेगा।
विजय गौड़
नैनीडांडा क्षेत्र का युवा निःसंदेह अपने क्षेत्र के लिए कुछ करना चाहता है अब चाहे वह गाँव में रहता हो या मजबूरियों के कारण प्रवासी हो गया हो। अपनी जड़ों से दूर होने का दर्द हर युवा के मन में दिखता है लेकिन साथ ही साथ वो कोशिश भी करना चाहता है। इस बात का अंदाजा लगता है क्षेत्र के लिये ईमानदारी से काम करने वाले एक युवा को मिले समर्थन से। आज युवाओं को संजय में उम्मीद दिखती है। कुछ उदाहरण देखिये कि किस तरह युवा एवं जागरूक नागरिक अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है : -
Narendra Rawat (ग्राम :केलधार, वर्तमान में दिल्ली): प्रणाम भाई जी। बहुत ही अच्छा प्रयास सबका साथ सबका विकास, पलायन का कारण युवा पीढ़ी को क्षेत्र मैं रोजगार न मिलना। समय आ चूका है कि हर प्रवासी को अपने गावं से पलायन कम करने,रोकने के लिए, कुछ न कुछ अपने गावों में या आसपास कोई स्वरोजगार के उपाय तलासने होंगे,
सतेन्द्र रावत (ग्राम बिलोटा, चामसैण, वर्तमान में दिल्ली): बड़े भाई को नमस्कार, बहुत अच्छा लगा आपने अपने विचार रखे, काम मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं, जरूरत है जमीनी स्तर पर लोगों को जागरूक करने की, बिना लोगों को जागरूक किये कोई भी प्रयास सफल नहीं हो सकता है, और इस मुहीम में अधिक से अधिक लोगों को साथ आना होगा तभी हम लोग अपनी मंजिल के लिए एक रास्ते का निर्माण कर सकते है.
ख़्वाहिशों से नहीं गिरते महज़ फूल झोली में, कर्म की शाख को हिलाना होगा;
न होगा कुछ कोसने से अंधेरें को, अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा।
Chandra Mohan Negi (दिल्ली) bahut acha gaur ji...asha karte hain aap apne iss karyakaal main kuch thosh kadam apne block ke vikas ke uthayenge ...
Diggi Rawat ( ग्राम कौला, वर्तमान में दिल्ली) Aapne nischit hi Nainidanda Block ki rajniti me ek bench mark set kar diya h...
Nandan Singh Rawat ( कौला मल्ला) Palayan se sabse jyada mai dukhi hoon... Mai vill- kaula malla .post- nainidanda ka niwasi hoon.. Aap mujhe ye batayrn ki mai gawn me rahkar kya karoon. Kuoon na palayan ka hissa banu. sare gawn ki jamin banjar ho gayi hai kyoon.... ye janenge aap ..bandaroon or suwaroon ki wajah se..hum inhe kanunan mar nahi sakte ..besak gawn chhod chuke hain.aap inka bandaroon or swaroon ka ilaz karwa dijiye .mai apko bachan deta hoon ki gawn jakar kuchh na kuchh apne khetu se hi gujara kar lunga..sare gawoon ke palayan ki yahi kahani hai...aap jatur likhna......
सतेन्द्र रावत संजय गौड़ भाई जी मैं दाद देता हूँ आपके हिम्मत की कि आप लगातार प्रयास कर रहे है, और आपके कदम कभी भी डगमगाए नहीं. अन्यथा जो गावों में राजनीती का स्तर हो चुका है उससे तो अच्छे खासे लोगों के कदम डगमगा जायें. गाँव में अगर आज सबसे पहले कुछ करना है तो वो है शिक्षा का स्तर ऊपर उठाना, सिर्फ स्कूली शिक्षा ही नहीं अपितु सामाजिक शिक्षा का भी प्रचार प्रसार करना होगा, तभी हम एक जागरूक समाज की कल्पना कर सकते है.
Hoshiyar Rawat ( जड़ाऊखांद, वर्तमान में दिल्ली) Bahut sundar aur doorgami soch hai goud g aur vastav mein is tarah ke vichar aur rachnatmak kam ki aj pure uttarakhand ko bahut jada avasyakta hai jiski suruat gawn star par honi chahiye apki bat isliye bhi prasangik hai kyoki aap khud mein high qualified hain aur navyuvak apse prerna le sakte hain .
Khas bat ye hai ki ab is soch ko jald se jald moort roop dekar udahan pesh kiya jay taki palayan karte yuvaon ko apne hi gawn ksetr mein kuchh kam karne ki lalak paida ho sake ye sabse jada jaruri hai aur mera khayal hai agar unhe unki mehnat ka 50% bhi return mil jata hai bhagambhag kuchh had tak lagam lag jayegi.
N G O s ke bhi apne prayas jari hain magar utne effective abhi tak nahi huye hain effective ap jaise log hi ho sakte hain jo khud wahan par hain doosron ko bhi motivate kar sakte hain
paramparik kheti se itar hum log unnat kism ke veejon ka istemal kar vaigyanik tareeke se kheti aur pashupalan karen to nischit safalta milegi.
mai ab tak wahi gawn me tha aur fir wapas ane ke lie aatur hoon yakeen janiye mujhe lagta hai jo jindgi gawn ki hai waisi shahar ki ho hi nahi sakti
yahan thoda paisa hai magar sukh chain bilkul nahin kahin bhi nahi kya raja aur kya rank is mamle mein sab ek hain .
Rakesh Rawat (केलधार, वर्तमान में सेना में अधिकारी) Bade khed k saath likhna pad raha h k aaj jo bhi not all hamaare pratinidhi chune jaate hain they all thinks about themselves that's why we r unknown about the valuable schemes offered by the government so the generation looks their future abroad.
ऐंसे ही न जाने कितनी प्रतिक्रियाएं आई हैं।
इस प्रक्रिया को निरंतरता की जरुरत पड़ेगी, मुझे उम्मीद है की ये सामूहिक प्रयास जरूर अच्छे परिणाम क्षेत्र के लिए आने वाले समय में लायेगा।
विजय गौड़
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