Tuesday, 3 September 2013

(अबि बदलाव होला येमा, पुरये नि अभि सबि भावों क साथ)


ए बांद, ये चाँद, 
तू  कनै जाणी छै?
इना -वुना दिखणी, 
बोल कै खुज्याणी छै?

चुप रै, फुंड जा लोला,

अपणा बाटा जाणु मि,
त्वै थैं क्येकि फिकर बोल, 
क्य खुज्याणु मि?

खुट्यों, सि पैजबि 

त्येरि खुट्यों, सि पैजबि,
छमछमै कि बजणि त्येरि 
खुट्यों, सि पैजबि ,
बिरडि कख छै जाणि लोलि,
औ मै जनै ऐ जदि, 
मै जनै ऐ जदि 
लोलि कनै जाणी छै?
इना -वुना दिखणी, बोल कै खुज्याणी छै?

दिलै सीं हैन्सि लोलि 

मै सि नि लुकौ,
मनै स्यूं छुयों आज मैमु दये लगौ,

जावा, भिंडी खिजावा ना,

मै तैं सिन रिझावा ना,
मै जै बाटु लोला हिटदी जाणू छौं,
त्वै नि बतोंण मिन,
मि सौंजडया खुज्याणु छौं,   
सौंजडया खुज्याणु छौं, अपणा बाटा जाणु मि,
त्वै थैं क्येकि फिकर बोल, क्य खुज्याणु मि?

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