तुम कौन हो??
एक क्षण सहेली सी,
दूसरे में पहेली सी,
एक क्षण साथ-२
दूजे में अकेली सी
एक क्षण श्वेत-शुभ्र,
क्षण में हो मैली सी
एक क्षण प्रेम-माधुर्य
पुनः होती कसैली सी
तुम कौन हो?
जो मौन हो?
या जो शब्द हो?
एक क्षण प्रश्न सी,
दूसरे में कृष्ण सी,
एक क्षण हिमाद्र सी,
दूजे में अति उष्ण सी,
एक क्षण मुझमें निहित
क्षण में हो किसी और निमित्त
एक क्षण दिवास्वप्न सी
पुनः होती दु:स्वप्न सी
तुम कौन हो?
जो कल थी?
या जो आज हो?
एक क्षण संयोग सी
दूसरे में वियोग सी
एक क्षण अनुराग सी
दूजे में विराग सी
एक क्षण तुम हो फलित
पर तभी तुम हो व्यथित
एक क्षण संसार सी
पुनः होती संहार सी
तुम कौन हो?
जो अदृश्य थी?
या जो साफ हो?
@विजय गौड़
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