Tuesday, 24 July 2012

"अन्ना फिर आणू च "

"अन्ना फिर आणू च"


एक मनखी जू झणी कथगा  सालों बिटीं,
अपणी ग़ात, अपणु सरैल यीं दुन्या का वास्ता झुराणु च.
गों गल्यों मा मिन हल्ला सुणी कि,
सीं बौगा सरदी " पॉलिटिकल फॅमिली" थैं फिर चुग्न्याणौ,
वी अन्ना आज जंतर -मंतर आणु च.

एक साल पुराणी बात ह्वै ग्ये,
जब सरया मन्ख्यात दिल्ली मा 'भ्रष्टाचार' भगाणु,
झंडा और डंडा ल्येकी अट्गणी छै.
ह्वै क्या च?
'भ्रष्टाचार' करों कु वोडू एक साल माँ एक बिलाग भी नि सरकी,
और हमरा कीसौं बिटीं झणी कथगा सरकै की,
लोला हमरु ही मखौल उडाणु च,
लाचार ह्वैकी अन्ना फिर जंतर-मंतर आनु च.

अब दिखदा कि क्वा नयी 'रामैण' लिख्ये जांदी?
और हमरी "राजनैतिक बिरादरी" अबरी दा कै नया "इस्टाइल" से ठगांदी?
अन्ना थैं फिर एक सालै कु स्वास्थ्य लाभ कु कंनक्वे भिज्ये जा?
संसद का पुटुग हर क्वी यी सुग्बुगाणु च,
कुत्ग्यायो जू भी सुचणा आजै राती च,
भोल दिखल्या अन्ना और बड़ी लंगात ल्येकी आणु च,
नना -तिना, दाना-सयाणा सभि रस्ता लग्यान,
और हरेक मा अन्ना ही अन्ना दिख्याणु च....

विजय गौड़
सर्वाधिकार सुरक्षित
24.07.2012



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