Friday, 14 September 2012

अपणो मा बिराणी हिंदी!! : हिंदी दिवस पर विशेष..

अपणो मा बिराणी हिंदी!!  : हिंदी दिवस पर विशेष..

मोहम्मद इकबाल न बोली छौ कि, "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा"
वे हि हिन्दुस्तान मा आज बल "हिंदी दिवस" हुणो च,
जख सहरों मा ता अग्रेजी बुल्ये जांदी और गाँव मा छेत्रिय भासा,
अपणो मा बिराणी हिंदी!! अज्क्याल त्वैथैं क्वी नि सुन्घणो च...

६५ साल हवे ग्येनी त्येरा देस थैं स्वतंत्र हुयाँ,
पर क्या कन्न ६५% जनमानस भि तिथैं राष्ट्र भाषा नि मनणू च,
त्येरा बुल्दरो कि गिनती भि रोज उंदार हि लग्यीं,
अर सौत अंग्रेजी न यनु वातावरण बणे याली,
कि लाचार मन्खी वीं बिना जमा भि नि जै सकणू च...
अपणो मा बिराणी हिंदी!! अज्क्याल त्वैथैं क्वी नि सुन्घणो च...

यु सच च कि तेरु नौ कु उदगम हिन्दुस्तान से हि हुयू च,
पर लोली "हिन्दुस्तान" अब रै कख ग्ये?
अंग्रेज जरुर ये देस से चली ग्येनी,
पर तेरी पछ्याँण हर्चानै कु हि त देस कु नौ "इंडिया" करयु च..
अपणो मा बिराणी हिंदी!! अज्क्याल त्वैथैं क्वी नि सुन्घणो च...

मि भि पैल अपणु सृजन त्वैमा हि करदू छौ,
पर पढ़दरा हि नि मिलिन त मेरु कविमन भि त्वे से बौग सरणु च..
मिन अपणी ब्वे कि भासा मा सृजन कि सोचि अब,
जैकू हाल भि कमोवेस तेरु हि जनु हुयू च...
वी थैं परदेस मा क्वी नि पुछणू, अर त्वैथैं देस तिरस्कृत करणु च..
अपणो मा बिराणी हिंदी!! अज्क्याल त्वैथैं क्वी नि सुन्घणो च...

विजय गौड़ 
१४ सितम्बर २०१२ 
सर्वाधिकार सुरक्षित...

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